RBI New Rules – भारतीय रिजर्व बैंक अपने नियमों को लगातार अपडेट करता रहता है। हाल ही में आरबीआई ने ग्राहकों के लिए सिबिल स्कोर से जुड़े कुछ नए नियम बनाए हैं, जो अब लागू हो चुके हैं। इन नियमों की जानकारी उपभोक्ताओं के लिए बहुत जरूरी है, ताकि वे इनका सही तरीके से फायदा उठा सकें। चलिए, इन नियमों के बारे में जानते हैं।
आरबीआई के नियमों को जानकर सिबिल स्कोर को बेहतर बनाएं
जब भी हम बैंक से लोन लेने की सोचते हैं, सबसे पहले हमारा सिबिल स्कोर चेक किया जाता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर होना बहुत जरूरी है। अगर सिबिल स्कोर ठीक नहीं है, तो बैंक से लोन मिलना काफी मुश्किल हो जाता है।
आरबीआई के सिबिल स्कोर से जुड़े नियम बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। ये नियम उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हैं। इन नियमों की मदद से आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं।
सिबिल स्कोर हर 15 दिन में होगा अपडेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नई गाइडलाइन के मुताबिक, हर उपभोक्ता का सिबिल स्कोर हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। चाहे कोई भी बैंक या लोन देने वाली कंपनी हो, सभी को अपने ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर जल्दी से अपडेट करना होगा। क्रेडिट संस्थानों को हर महीने उपभोक्ता की क्रेडिट जानकारी सीआईसी को देना जरूरी होगा।
सिबिल अपडेट की जानकारी उपभोक्ताओं को मिलेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमों के तहत, जब भी कोई संस्था अपने उपभोक्ता की क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करेगी, तो उसे उपभोक्ता को इस बारे में सूचित करना होगा। यह जानकारी ईमेल या संदेश के जरिए दी जा सकती है।
रिक्वेस्ट रद्द करने की वजह बतानी होगी
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, अगर उपभोक्ता की रिक्वेस्ट को रद्द किया जाता है, तो संस्थान को उपभोक्ता को इस बारे में भी जानकारी देनी होगी। साथ ही, यह भी बताना होगा कि रिक्वेस्ट क्यों रद्द की गई है। इसके अलावा, उपभोक्ता की रिक्वेस्ट को रद्द करने के कारणों की एक लिस्ट क्रेडिट संस्थानों को भी प्रदान करनी होगी।
उपभोक्ता अब अपनी फ्री में पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देख सकेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों के तहत, अब कंपनियां अपने ग्राहकों को साल में एक बार फ्री में पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देखने का मौका देंगी। इसके लिए कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ा एक लिंक लगाना होगा। इससे उपभोक्ता आसानी से अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देख पाएंगे।
ग्राहक को डिफॉल्ट की जानकारी देना जरूरी
कई बार जब ग्राहक ईएमआई नहीं चुकाते, तो बैंक उन्हें डिफॉल्ट घोषित कर देते हैं। अब भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, ग्राहक को डिफॉल्ट घोषित करने से पहले उसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। यह जानकारी किसी भी माध्यम से दी जा सकती है।