Gold Rate: सोने की कीमतों में हाल के महीनों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण है मोदी सरकार का बजट फैसला, जिसमें सोने और चांदी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी में कमी की गई। इस फैसले ने न केवल सोने की कीमतों को प्रभावित किया है, बल्कि ज्वेलरी उद्योग पर भी गहरा असर डाला है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझें।
बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती
23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोने और चांदी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा की। इस फैसले के तहत, पहले जहां 15% कस्टम ड्यूटी लगती थी, वहीं अब यह घटाकर 6% कर दी गई है। यह कदम सोने को सस्ता बनाने और इसकी खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया।
सोने की कीमतों में गिरावट
बजट की घोषणा के तुरंत बाद, सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई। बजट वाले दिन ही सोना 4,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो गया। यह गिरावट कई दिनों तक जारी रही और सोने का भाव 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास आ गया, जो पहले 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर था।
ज्वेलर्स के लिए अच्छे समय की शुरुआत
क्रिसिल की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस कीमत गिरावट का ज्वेलरी उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में ज्वेलर्स के राजस्व में 22 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। यह अनुमान पहले के 17-19 प्रतिशत के पूर्वानुमान से काफी ज्यादा है।
बिक्री में उछाल की उम्मीद
सोने की कम कीमतों का एक और फायदा यह है कि रिटेलर्स अपने स्टॉक में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकते हैं। साथ ही, आगामी शादी और त्योहारी सीजन में ज्वेलर्स के मुनाफे में और बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, अचानक कीमत गिरने से मौजूदा स्टॉक पर कुछ नुकसान हो सकता है, लेकिन उम्मीद है कि बढ़ी हुई मांग से इसकी भरपाई हो जाएगी।
वर्तमान सोने के भाव
हाल ही में, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत 71,538 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई थी। घरेलू बाजार में, IBJA के अनुसार, 24 कैरेट सोने का भाव 71,380 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट का 69,660 रुपये, 20 कैरेट का 63,530 रुपये और 18 कैरेट का 57,820 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि सोने की कीमतें अभी अपने पिछले उच्च स्तर से नीचे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इसमें फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। यह स्थिति ज्वेलर्स के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि ग्राहक अभी के कम दामों का लाभ उठाकर खरीदारी कर सकते हैं।
सरकार के बजट फैसले ने सोने की कीमतों और ज्वेलरी उद्योग को एक नया मोड़ दिया है। कम कीमतों और बढ़ती मांग के बीच, ज्वेलर्स के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। हालांकि, बाजार की स्थिति हमेशा बदलती रहती है, इसलिए ग्राहकों और व्यापारियों दोनों को सतर्क रहने और सूझबूझ से निर्णय लेने की आवश्यकता है। आने वाले त्योहारी सीजन में यह देखना दिलचस्प होगा कि सोने की कीमतें और ज्वेलरी की बिक्री किस दिशा में जाती हैं।