Gold Price Update : सोने के बाजार में इन दिनों काफी हलचल मची हुई है! पिछले तीन महीनों में सोने की कीमतों में जो गिरावट आई है, वैसी शायद ही कभी देखी गई हो। ये गिरावट सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के सोने के निवेशकों और व्यापारियों के लिए चर्चा का मुद्दा बन गई है। भारतीय बाजार में सोने की कीमतें तो लगातार ऊंची जा रही थीं, लेकिन हाल ही में ये अचानक नीचे गिर गईं, जिससे निवेशकों की नींद उड़ गई है।
अब सवाल ये है कि आखिर ये गिरावट आई क्यों और इससे उन लोगों को क्या फायदा या नुकसान हो सकता है, जिन्होंने हाल में सोना खरीदा या खरीदने का सोचा था। इस लेख में हम आपको सोने की ताजा कीमतों, गिरावट के कारणों, निवेशकों पर इसके प्रभाव और भविष्य में क्या हो सकता है, इसके बारे में सारी जानकारी देंगे।
आज 14 से 24 कैरेट सोने की ताजा कीमतें
भारत के प्रमुख शहरों में 12 जनवरी 2025 को सोने की कीमतें कुछ इस तरह हैं:
- दिल्ली: 24 कैरेट सोना ₹78,200 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट ₹76,150 प्रति 10 ग्राम।
- मुंबई: 24 कैरेट सोना ₹78,000 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट ₹75,000 प्रति 10 ग्राम।
- चेन्नई: 24 कैरेट सोना ₹78,500 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट ₹76,300 प्रति 10 ग्राम।
- कोलकाता: 24 कैरेट सोना ₹78,100 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट ₹76,300 प्रति 10 ग्राम।
पिछले 24 घंटों में सोने की कीमतों में ₹1,500 से ₹2,000 प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट देखने को मिली है!
सोने की कीमतों में गिरावट के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं
- डॉलर का मजबूत होना: जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर मजबूत होता है, तो निवेशक सोने के बजाय डॉलर आधारित संपत्तियों में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव पड़ता है।
- अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी: जब अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ती है, तो निवेशक सोने से ज्यादा अन्य निवेश साधनों की ओर रुख करते हैं, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट आती है।
- फेडरल रिजर्व की नीतियां: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीदें सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं, क्योंकि उच्च ब्याज दरें सोने को कम आकर्षक बना देती हैं।
- डिमांड में कमी: भारतीय बाजार में शादी-ब्याह के सीजन के खत्म होने के बाद सोने की मांग में कमी आई है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ा है।
- क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट: वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में स्थिरता और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का भी सोने की कीमतों पर असर पड़ता है।
निवेशकों पर प्रभाव
सोने की कीमतों में गिरावट का सबसे ज्यादा असर उन निवेशकों पर पड़ा है जिन्होंने ऊंची कीमतों पर सोना खरीदा था। लेकिन, लंबे समय के निवेशकों के लिए ये गिरावट खरीदारी का एक अच्छा मौका हो सकती है।
जो लोग निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदा है, उन्हें फिलहाल रुकने की सलाह दी जाती है। वहीं, छोटे निवेशक और गहनों की खरीदारी करने वाले ग्राहकों के लिए ये एक सुनहरा अवसर हो सकता है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर कमजोर हुआ तो सोने की कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है। 2025 की पहली तिमाही के अंत तक सोने के भाव ₹60,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकते हैं।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, विशेषज्ञ सोने में अल्पकालिक निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं।
क्या यह खरीदारी का सही समय है
सोने की कीमतों में गिरावट उन ग्राहकों और निवेशकों के लिए एक सुनहरा मौका हो सकती है जो सोने में निवेश करना चाहते हैं। शादी या अन्य उद्देश्यों के लिए सोना खरीदने वालों को मौजूदा कीमतों पर फायदा हो सकता है।
ज्वैलर्स का कहना है कि ग्राहक अभी गहने खरीदने के लिए आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि गिरावट का ये दौर लंबे समय तक नहीं टिकेगा। पिछले तीन महीनों में सोने की कीमतों में आई गिरावट ने बाजार को हिलाकर रख दिया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे अस्थायी मानते हैं और कीमतों के जल्द ही स्थिर होने की उम्मीद जता रहे हैं। अगर आप सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।