New RBI Guideline: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट को लेकर एक महत्वपूर्ण नियम जारी किया है। इस नए नियम का उद्देश्य ग्राहकों के हितों की रक्षा करना और वित्तीय संस्थानों को अधिक जवाबदेह बनाना है। आइए इस नए नियम के बारे में विस्तार से जानें।
नए नियम का मुख्य उद्देश्य
इस नियम का प्रमुख लक्ष्य है गलत क्रेडिट रिपोर्ट के कारण होने वाली परेशानियों को कम करना। अक्सर देखा जाता है कि बैंकों द्वारा किसी व्यक्ति के लोन बकाया से जुड़ी गलत जानकारी क्रेडिट रिपोर्ट में अपडेट कर दी जाती है। इससे व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है और उसे अपनी रिपोर्ट सही कराने में महीनों लग जाते हैं।
आरबीआई का नया नियम
आरबीआई ने निर्देश दिया है कि अगर कोई क्रेडिट इंस्टीट्यूशन (बैंक या एनबीएफसी) या क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी किसी व्यक्ति की गलत क्रेडिट रिपोर्ट को सही करने में देरी करती है, तो उसे ग्राहक को मुआवजा देना होगा।
मुआवजे की प्रक्रिया
1. शिकायत निवारण का समय: बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों की शिकायतों का निवारण 30 दिनों के भीतर करना होगा।
2. जुर्माना: अगर 30 दिनों में समाधान नहीं होता है, तो संबंधित संस्थान को प्रति दिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा।
3. मुआवजा देने की जिम्मेदारी: अगर क्रेडिट इंस्टीट्यूशन 21 कैलेंडर दिनों में गलत रिपोर्ट को सही करके क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को नहीं भेजता है, तो मुआवजा क्रेडिट इंस्टीट्यूशन की ओर से दिया जाएगा।
क्रेडिट रिपोर्ट चेक पर अलर्ट
आरबीआई ने यह भी निर्देश दिया है कि जब कोई बैंक या एनबीएफसी किसी व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करती है, तो इसकी सूचना एसएमएस और ईमेल के माध्यम से क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी और क्रेडिट इंस्टीट्यूशन द्वारा दी जानी चाहिए।
नए नियम का महत्व
1. ग्राहक संरक्षण: यह नियम ग्राहकों के हितों की रक्षा करता है और उन्हें गलत क्रेडिट रिपोर्ट के कारण होने वाली परेशानियों से बचाता है।
2. वित्तीय संस्थानों की जवाबदेही: यह नियम बैंकों और वित्तीय कंपनियों को अधिक सतर्क और जवाबदेह बनाता है।
3. क्रेडिट स्कोर की सुरक्षा: गलत जानकारी के कारण क्रेडिट स्कोर खराब होने की समस्या को कम करने में मदद करेगा।
4. पारदर्शिता: क्रेडिट रिपोर्ट चेक करने पर अलर्ट मिलने से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
आरबीआई का यह नया नियम वित्तीय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करते हुए वित्तीय संस्थानों को अधिक जिम्मेदार बनाता है। इससे लोगों का क्रेडिट सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा और गलत क्रेडिट रिपोर्ट के कारण होने वाली परेशानियां कम होंगी।
ग्राहकों के लिए सुझाव
1. नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें।
2. कोई गलती दिखे तो तुरंत संबंधित संस्थान से संपर्क करें।
3. शिकायत का रिकॉर्ड रखें और 30 दिनों के बाद मुआवजे की मांग करें।
4. अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाए रखने के लिए सावधानी बरतें।
यह नया नियम न केवल ग्राहकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि पूरे वित्तीय तंत्र को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।